January 29, 2010

दिल तो बच्चा है जी .....

देवेश प्रताप

प्यार एक ऐसा अनोखा बंधन जो उम्र का फासला नहीं जानता है .......प्यार में जब भी दि खोता है तो बच्चे जैसे हो जाता है हाल में इश्किया फिल्म में गुलज़ार साहब ने अपनी अनोखी रचना को पेश किया .......''..दिल तो बच्चा है जी थोडा कच्चा है जी '' बहुत ही सुंदर शब्द दिए है गुलज़ार साब ने .........और बोल दिया है राहत फते अली खान ने ....तथा संगीत से सवारा है विशाल भारद्वाज ने .......सचमुच इस संगीत सुन के बहुत अच्छा लगाबदलते वक़्त के साथ संगीत में भी काफी बदलाव आया है सभी गीत तो दिल तक नहीं उतर सकते है लकिन ये तो दिल में उतर गया.......पेश है गीत की रचना ....

ऐसे उलझी नज़र उनसे हटती नहीं
दात से रेशमी डोर कटती नहीं
उम्र कब की बरस के सुफेद हो गयी
कारी बदरी जवानी की छटती रही
वल्लाह ये धड़कन बढ़ने लगी है
चहरे की रंगत उड़ने लगी है
डर लगता है तनहा सोने में जी
दिल तो बच्चा है जी - 2 थोडा कच्चा है जी
दिल तो बच्चा है जी
ऐसे उलझी नज़र उनसे हटती नहीं
दात से रेशमी डोर कटती नहीं
उम्र कब की बरस के सुफेद हो गयी
कारी बदरी जवानी की छटती रही
रा रा रा रा ...

किस को पत्ता था पहलू में रखा , दिल ऐसा बाजी भी होगा
हम तोह हमेशा समझते थे कोई हम जैसा हाजी ही होगा
हाय जोर करके कितना शोर करे , बेवजह बातों पे एवे गौर करे
दिल सा कोई कमीना नहीं
कोई तो रोके , कोई टोके
इस उम्र में अब खाओगे धोके
डर लगता है इश्क में करने में जी
दिल तोह बच्चा है जी - (2)
थोडा कच्चा है जी , दिल तोह बच्चा है जी

ऐसी उदासी बैठी है दिल पे , हँसाने से घबरा रहे है
सारी जवानी कतराके कांटी , पीरी में टकरा गए है
दिल धडकता है तोह ऐसे लगता है वोह
आ रहा है यही देखता ही ना हो
प्रेम की मारे कतार रे
तौबा यह लम्हे कटते नहीं है क्यूँ , आँखों से मेरी हटते नहीं क्यूँ
डर लगता है मुझसे कहना नहीं

दिल तो बच्चा है जी - 2 थोडा कच्चा है जी
दिल तो बच्चा है जी

इस संगीत को सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें

फिल्म - इश्किया
रचना - गुलज़ार
गायक - राहत

7 comments:

प्रज्ञा पाण्डेय said...

bahut achha

Urmi said...

बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है! इस बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई!

दीपक 'मशाल' said...

देवेश जी, ब्लॉग की दुनिया में स्वागत है... अच्छा लेख लिखा आपने.. पूरा गीत लिखने के लिए शुक्रिया...
ऐसे ही अच्छे से अच्छा लिखें..
जय हिंद...

Dev said...

जी ....हमारा और हमारी टीम का हौसला अफजाई करने के लिए आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया .

Unknown said...

Kaafi sahi baat kahi aapne ki samay ke sath sath hamare sangeet rachnaaon mein kaafi badlaav ya yun kahein ki nayapan aaya hai. Gulzaar saheb jaise veteran bhi iss naye daud ki daud mein aaj bhi avval darze par hain.........Subhaanallah aur kyun naa ho..." Dil to baccha hai ji" umra ka asar ospe kahan....!

कुलवंत हैप्पी said...

मैं भी लिखने वाला था। लेकिन आपने लिख दिया। बहुत शानदार

@ngel ~ said...

Sach Gulzar duniya mein ek hi hain... nsa koi aur nahi... aise sunder bol ek gaane mein piroye hue aaj tak nahi sune... :)

एक नज़र इधर भी

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