सुबह के शुरुवात अक्सर समाचार पत्र से होती है । आज के अखबार की एक खबर जो मन को झकझोर दिया । तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में राज्य पुलिस का एक sub inspector पर कुछ आपराधियों ने हमला कर दिया । जिससे वो गंभीर रूप से घायल होगया था । खबर के अनुसार थोड़ी देर बाद वह से मंत्रियो का काफिला भी गुजरा । इंसानियत के नाते मंत्रियो ने रुक केर देखा लकिन एक मंत्री होने के नाते उसकी मदद के लिए अम्बुलेंस को फ़ोन भी किया गया । सिर्फ फ़ोन किया गया बड़ा ताज्जुब लगा ये पढ़ कर एक राज्य का मंत्री और काफिले का साथ मजूद सरकारी अधिकारी .........उस जांबाज़ पुलिस के लिए सिर्फ अम्बुलेंस को फ़ोन किया । इंसानियत के नाते ये देखते की एक व्यक्ति अपनी मौत से जूझ रहा है। उसकी मदद के लिए तो शरीर की फुर्ती 4 गुना बढ़ जानी चाइये थी और समय को ललकारते हुए अपनी गाड़ी पर सवार करके गाड़ी की रफ़्तार बढ़ते हुए हस्पताल पुहचाना चाइये था । शायद ये सब न करने से उस जांबाज़ सिपाही से मौत जीत गयी । अरे लानत है जो वह पर मजूद होकर ये सब नजारा देख रहे थे । गलत जगह पर अक्सर सारे protocal तोड़े जाते है । लेकिन जब बात अच्छाई की होती है या किसी भी भले काम की होते है तो सारे protocal ध्यान में रखे जाते है । खबर पढने में ये भी था का उस समय उस जिले के ज़िलाधिकारी भी पहुच गए थे भगवान् के माया भी देखिये उस पुलिस की मदद के लिए सबको मौजूद कर दिया था । लेकिन सब के सब केवल नज़ारा देख कर रहगये.....................हद है दिखावे की ज़िन्दगी ..........आगे शब्द नहीं ऐसी लोगो के लिए कुछ लिखे ...
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