अक्सर लोग कहते हैं अपनी प्रतिभा को पहचानते हुए किसी क्षेत्र में प्रवेश करो, सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लें कि इस क्षेत्र में मै अपने क्षमता के अनुसार कार्य कर सकूँगा या नहीं फिर निर्णय लें आदि। अभी कुछ दिन पहले हमारे कॉलेज के सिनेमा के H O D {हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट } सर कहने लगे कि ''एक बार मेरे पास एक एक्टिंग सीखने कि चाहत रखने वाला एक लड़का आया, और कहने लगा कि सर मुझे एक्टर बनना है, मैंने कहा कि लैंग्वेज ठीक करो, डिक्शन पर काम करो और डायलाग डिलेवरी पर पकड़ बनाओ। कुछ समय बाद जब मैंने देखा तो मेरी समझ में आया कि इसकी आवाज़ फटे बॉस कि तरह है और एक्टर बनना तो दूर ये तो ठीक से बोल भी नहीं पता है ,लेकिन कुछ चीज़े अच्छी लगी जैसे कि इसकी इमजीनेसन गज़ब कि है, खुद तो डायलाग ठीक से नहीं बोल पाता लेकिन आपने साथियों को बहुत अच्छी तरह से कहलवा लेता। वहीँ मेरी समझ में आया कि यह लड़का अभिनेता तो नहीं लेकिन अच्छा निर्देशक ज़रूर बन सकता है, फिर मैंने उसे सलाह दी कि तुम डरेक्सन पर ध्यान दो, खैर बात उसकी समझ में आ गयी और आज वह एक बड़ी फिल्म में अस्सिस्टेंट डायरेक्टर कि भूमिका में है'' उस लड़के के समझ में तो बात आ गयी लेकिन क्या हमारे समझ में आती है, और अगर आ भी जाती है तो अमल नहीं करते। ऐसा मेरे साथ जाने अनजाने में अक्सर हो जाता है ,ज्यादा दिन पहले कि बात नहीं है आज से लगभग ५ साल पहले जब मै दसवी पास कर लिया था तो मेरे सभी दोस्तों ने साईंस ग्रुप में जाने का निर्णय लिया,मुझे पता था कि मै साइंस के लायक नहीं हु लेकिन हमारे गावों में साइंस का बहुत क्रेज़ है जो लड़का इस विषय से पढ़ता था उसे बहुत ही अच्छे नजरो से देखा जाता था। बस इसी दिखावे में मैंने भी एडमिशन ले लिया। कुछ समय बाद यह लगा की बच्चू अब गाड़ी आगे नहीं चलेगी तो पीछे पलट कर देखा तो अभी फॉर्म भरे जा रहे थे मैंने फ़ौरन ही आर्ट ज्वाइन किया और जान छुड़ाई साइंस से। अभी चार दिन पहले की बात है मेरे किराये के आशियाने में मेरे बचपन के मित्र आये। {वैसे तो वो हम सब के बीच में डॉक्टर के नाम से जाने जाते हैं । यह नाम उनके कागजी नाम से ज्य़ादा जाना जाता है,और यह नाम उनको बहुत रास भी आता है}स्वभावतः हम सब गपशप करने लगे। तभी अचानक उन्होंने एक ऐसा प्रश्न किया कि जिसका जवाब जानने की जिज्ञसा सभी को होती है। उनका प्रश्न कुछ इस प्रकार था की'' यार मैंने सुना है की सभी के अन्दर कोई ना कोई छिपी प्रतिभा होती है, जिसे समझने की ज़रूरत होती है,"मुझ में ऐसी क्या बात है "मै तो हतप्रभ रह गया की इस प्रश्न का क्या उत्तर दू, लेकिन मैंने कोशिश की और कहा तुमको सब डॉक्टर कह कर संबोधित करते हैं और आज तुम सच में डॉक्टर की पढाई कर रहे हो और कुछ दिन के बाद प्रमाण सहित डॉक्टर हो जाओगे। मेरे गाँव में कुछ लोगो के नाम कुछ इस प्रकार हैं डी ऍम,कप्तान,दरोगा,डिप्टी। दोस्तों इस नाम से जुडी एक बहुत दिलचस्प बात याद आ गयी है जिसे मै बिना प्रकट किये रह नहीं पा रहा हू , एक बार कुछ लोग लड़के के लिए रिश्ता लेकर आये,कुछ देर बाद उन लोगो ने कहा की लड़के को बुलाइए,लड़के के चाचा जी वहां खड़े एक छोटे बच्चे से कहा की जाओ जा कर डी ऍम को बुला कर ले आओ,इतना कहते ही लड़की वाले चौक गए की मेरी इतनी हैसियत कहाँ की मै एक डी ऍम से आपनी बेटी की शादी कर सकू। फिर मैंने उस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा की तुम तो बहुत किश्मत वाले हो की कहते कहते तुम सच में डॉक्टर हो गए वो लोग तो बस यु ही नाम के ही रह गए . मेरे इतना कहने पर वो मुस्कराते हुए जवाब में सर हिलाए।
आपकी प्रतिक्रियाओ का इंतज़ार रहेगा,
आलोचनाओ का सम्मान रहेगा ।
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2 comments:
hmmmmmm.....very gud dear
achha hai ese jari rakhe
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