देवेश प्रताप
ए सपनों की परी
तू कंहा रहती है ।
कभी मेरे बसेरे में
आया करो ॥
बैठेंगे खूब बातें करंगे ।
हमें अपने भी किस्से सुनाया
करो ॥
सपनों की दुनिया में साथ
सैर करंगे ।
मेरे ख्वाबो को भी सजाया
करो ॥
तेरे आने से दुनियां हँसी हो जाती है।
मेरी दुनिया में भी फूल बरसाया
करो ॥
तेरी यादों में रातें छोटी हो जाती है ।
यूँ यादों से दूर जाया न करो ॥
13 comments:
बैठेंगे खूब बातें करंगे ।
हमें अपने भी किस्से सुनाया
करो ॥
Pari jarur aayegi. bus thoda sabra rakhana...
Valentine day ki subhkamnayne...
तेरी यादों में रातें छोटी हो जाती है ।
यूँ यादों से दूर जाया न करो ...
क्या एहसास हैं ... बहुत खूब उनके आने से रातें छोटी हो जाती हैं ....
सच है प्यार छिप नही पाता ...... वो भी वेलेंटाइन डे पर ....
बहुत शानदार रचना है और टेम्पलेट भी अच्छा है। आपका ब्लॉग http://blogwood.feedcluster.com में जोड़ दिया गया है। आपको जानकर शायद खुशी हो।
bahut khoob devesh ji
कुलवंत जी ..........जान कर खुसी ही नहीं बहुत अपना पन लगा बहुत -बहुत शुक्रिया .
बहुत सुन्दर रचना है शुभकामनायें
तेरी यादों में रातें छोटी हो जाती है ।
यूँ यादों से दूर जाया न करो ॥
Sundar! Pahli baar aapke blogpe aayi hun! Bahut achha laga!
एक याद ही ऐसी है, जो आती नहीं उनकी!
आए भी वो कैसे, उन्हें हम भूलते कब हैं?
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कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "वसंत फिर आता है - मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा! "
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संपादक : सरस पायस
bahut sundr
bhavnao ko bahut
khubsurti se shabdo
me abhiyakt kiya hai....
vah bahut khub
badhai ho .........
वेलेंटाइन-डे की शुभकामनायें !
बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है!
प्रोत्सहित करने के लिए और सराहने के लिए आप सब का लाख -लाख शुक्रिया .
शमा जी ...हमारे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत ....पहली बार आने के लिए .
तेरी यादों में रातें छोटी हो जाती है ।
यूँ यादों से दूर जाया न करो .
bahut sunder rachana ....
kaa h aapki sapno si sundar pari?
mujhe bhi dekhna hai.
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