विकास पाण्डेय
धन्य है वो माँ जिसके गर्भ से भगत सिंह जैसा साहसी ,वीर देशभक्त पैदा हुआ । गर्व से छाती चौड़ी हो गयी होगी,उस बाप कि जिस पल आज़ादी की भूख में हँसते-हँसते भगत सिंह ,राजगुरु और सुख देव फाँसी के फंदे को चूम लिया था।
आज इन्ही लालों की 81 वी बलिदान दिवस है। आज ही का वो दिन था, जब इन वीरों ने हमें गुलामी से मुक्त कराने के लिए फाँसी के तख्ते पर चढ़ गए थे । समय से एक दिन पूर्व इनका फाँसी पर चढ़ना, पूरे देश में आज़ादी पाने की ख्वाहिश को और भी भड़का दिया था । तभी तो गाँधी जी ने कहा था की " मै भगत सिंह की विशेषताओं को शब्दों में बयां नहीं कर सकता ,भगत सिंह की देशभक्ति और भारतीयता के लिए उसका अगाध प्रेम अतुलनीय है । "
भगत सिंह ,सुख देव और राजगुरु का देश के प्रति अमिट प्रेम ,जूनून और जोश उनकी अविस्मर्णीय गाथा का अतुलनीय उदहारण है।
भगत सिंह द्वारा आखिरे शब्द जो उन्होंने हिंदुस्तान के गवर्नर जनरल को लिखा था कि "अगर आपकी सरकार हिन्दुस्तानी समाज के ऊपरी तबकों के नेताओं को छोटी-मोटी रियायतों व समझौतों के जरिये लुभाकर अपनी तरफ करने और इस तरह संघर्षशील जन समुदाय के बीच कुछ समय के लिये निराशा पैदा करने की कोशिश करती है तथा इसमें कामयाब हो जाती है, तो भी इसकी परवाह न करो। हमारी जंग जारी रहेगी । अलग-अलग समय पर यह अलग-अलग रूप ले सकता है। यह कभी खुला तो कभी गुप्त, कभी पूर्णतया उत्साहजनक या कभी जीवन-मौत का घमासान संघर्ष हो सकता है। रास्ता खूनी होगा या कुछ हद तक शांतिपूर्ण, इसका चयन आपके हाथ में है। जैसा भी जरूरी समझते हो, वैसा करो। परन्तु वह जंग निरंतर चलेगा, नयी ताकत, ज्यादा बहादुरी और अडिग संकल्प के साथ, जब तक समाजवादी गणराज्य की स्थापना न होगी ।"
मै बचपन से ही यह देशभक्ति गीत सुनता आ रहा हूँ ,और आज भी जब इसे सुनता हूँ तो उन्ही यादों के गलियारों में खो जाता हूँ । और आज इस गीत के माध्यम से इन जाबाजों को श्रधांजलि देता हूँ।
ये शहीदों कि जय हिन्द बोली ,
ऐसी वैसी ये बोली नहीं है ।
इनके माथे पर है खूँ का टीका ,
देखो देखो ये रोली नहीं है ।
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थक गया वीर जब लड़ते लड़ते ,
माँ कि ममता तड़प कर ये बोली
आ मेरे लाल गोदी में सो जा ,
अब तेरे पास गोली नहीं है ।
नहीं है, अब तेरे पास गोली नहीं है ।
8 comments:
बढ़िया प्रस्तुति....शहीदों को नमन
अमर शहीदों को शत-शत नमन!
कुंवर जी,
थक गया वीर जब लड़ते लड़ते ,
माँ कि ममता तड़प कर ये बोली
आ मेरे लाल गोदी में सो जा ,
अब तेरे पास गोली नहीं है ।
नहीं है, अब तेरे पास गोली नहीं है ।
उफ्फ्फ.......सोच कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं.......बहुत ही शानदार पोस्ट
अमर शहीदों को नमन ....
बढ़िया प्रस्तुति....शहीदों को नमन
थक गया वीर जब लड़ते लड़ते ,
माँ कि ममता तड़प कर ये बोली
आ मेरे लाल गोदी में सो जा ,
अब तेरे पास गोली नहीं है ।
नहीं है, अब तेरे पास गोली नहीं है ।
Aprateem lekhan...
bahut accha lekh shruddhanjalee ka ye tareekajagrat kar gaya.....
Bahut hi bhadiya post aapko bahut bahut dhanywaad.
Aajadi ke parvaano shat shat naman.
Jai Hind
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