March 14, 2010

हमारा गांव ........


देवेश प्रताप

आप सब ने हमारे गाँव के बारें में जानने कि इच्छा जाहिर किया ......ये मेरे सौभाग्य है । .......तो आइये आपको मिलवाते है अपने गाँव से ..........उत्तर प्रदेश में , सई नदी के किनारे बसा प्रतापगढ़ शहर ...........शहर से तकरीबन ३ किलो मीटर कि दूरी पर बसा मेरा गाँव जो को ''इश्वरपुर' के नाम से जाना जाता है ............गाँव के चारो तरफ जब आप नजरे उठा कर देखेंगे तो प्रकृति का अनोखा सौन्दर्य दिखाई देता है ........वो सौन्दर्य ये है कि .....आवंले कि बाग़ से गाँव ढंका हुआ है ..........खेत खलियान के बाद अवालें कि बाग़ ही नज़र आयेंगे .......(अरे हा आपके ये बात बताना भूल ही गए .......पुरे भारत में सबसे ज़्यादा अवाला प्रतापगढ़ में ही पाया जाता है )........मेरा घर गाँव से थोड़ी दूर पर है .......घर के आस पास अभी कोई घर नहीं बना है ......खेत- खलियानों और बाग़-बगीचों के बीच मेरे घर ऐसा लगता है जैसे प्रक्रति कि गोंद में कोई अकेला आशियाँ बना हो ........ये घर के ठीक पीछे का दृश्य है ..........
ये गांव के खेत का दृश्य है ...
ये गाय का बछड़ा....




ये कुछ दृश्य .........थे नेट स्लो होने के कारण और फोटो नहीं लग पाई ............बस यही छोटा सा परिचय हमारे गांव का ........आप सब सादर आमंत्रित है ....हमारे गांव में .....

11 comments:

M VERMA said...

पर कमोबेश यही ऐसा ही तो हमारा भी गाँव है. शायद सबका

निर्मला कपिला said...

शायद यही खेत और ये बछडा हर गाँव की पहचान है। अच्छा लगा आपका गाँव। धन्यवाद मगर आपने गाँव आने का न्यौता तो दिया ही नहीं? शुभकामनायें

Dev said...

जी निर्मला कपिला जी .........मैं आप सब को सादर आमंत्रित करता हूँ ........अपने गांव में आने के लिए .......ये मेरे लिए अति प्रसन्नता की बात होगी यदि आप सब यहाँ पर आयंगे .

संजय भास्‍कर said...

gaon sunder hi hote hai..

संजय भास्‍कर said...

M verma ji ne sahi kaha hai..

Parul kanani said...

sab se shant aur manoram jagah hai gaon...aisa hi aapka bhi!

Mithilesh dubey said...

देवेश भाई ये बताईये की घर से आवंला लायें है कि नहीं , लायें हो तो कुछ इधर भी भिजवाईये ।

rashmi ravija said...

बहुत ही खूबसूरत गाँव है आपका....

Dev said...

मिथिलेश भाई ....आवंला फलने का समय तो जाड़े में होता है ....तो इस बार जाड़े में ज़रूर लायेंगे .....और आप सब को खिलाएंगे

कडुवासच said...

...बेहद खूबसूरत !!!

Urmi said...

बहुत ही सुन्दरता से आपने अपने गाँव के बारे में लिखा है और साथ में तस्वीरें बहुत अच्छी लगी! गाँव हमेशा सुन्दर होता है और वहाँ रहने का अलग ही आनंद होता है! मुझे भी अपना गाँव बहुत प्यारा है!

एक नज़र इधर भी

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