August 26, 2010

इस रचना में तुम हो ......

देवेश प्रताप

तुम्हे देखा है कही इन वादियों के
बीच
फूलों के जैसे .......हंसी हैं , सुरीली हवा की जैसी
चंचलता ,
तुम वही हो जिसे मैंने सपनो में ढूंढा था

तुम इन फिज़ाओं में कहा चली जाती
हो ,
बैठ कर मै , तुम्हारा रस्ता संजोता हूँ
तुम्हरी झलक पाने के लिए आस्मां
ऊपर से निहारता है .......

तुम्हारे पायल की खनक
सुनकर दिल के तार
बजने लगते है ।
तुम्हारी मीठी सी आवाज़ जब कानो
में जाती है ,
इस जहां की हर आवाज़ फीकी लगने
लगती है ।

इतनी सरलता , इतनी सादगी , इतनी
सुन्दरता ......देख कर प्रकृति भी
खुशनुमा हो जाती है ।
मै तो कायल रहता हूँ तुम्हारी
इस अदायगी पर .....तुम्हे देख कर
मन्त्र मुग्ध हो जाता हूँ ।

ये रचना किसी के लिए समर्पित है ..............शब्द शायद कमजोर होंगे ......लेकिन भाव वही हैं ।

14 comments:

ASHOK BAJAJ said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति .

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरती से सजाये हैं एहसास ..

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

जब भाव पबित्र होते हैं त सब्द बेमानी हो जाता है...भगवान करे, भावना खाली वेबस्पेस में न रहे,दिल से दिल तक पहुँचे!!

Udan Tashtari said...

बहुत भावपूर्ण!

सम्वेदना के स्वर said...

बीच बीच में ग़ायब हो जाते हैं आप और लौटते हैं तो ऐसी गहन अनुभूतियों के साथ... बहुत सुंदर!!

Parul kanani said...

so beautiful!

SATYA said...

अच्छी प्रस्तुति,


आप भी इस बहस का हिस्सा बनें और
कृपया अपने बहुमूल्य सुझावों और टिप्पणियों से हमारा मार्गदर्शन करें:-
अकेला या अकेली

Urmi said...

आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना!

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

भाई मेरे,
शब्द भी ज़ोरदार हैं और भाव भी!!!
शुभकामनाएँ!
आशीष
--
अब मैं ट्विटर पे भी!
https://twitter.com/professorashish

कविता रावत said...

इतनी सरलता , इतनी सादगी , इतनी
सुन्दरता ......देख कर प्रकृति भी
खुशनुमा हो जाती है ।
मै तो कायल रहता हूँ तुम्हारी
इस अदायगी पर .....तुम्हे देख कर
मन्त्र मुग्ध हो जाता हूँ ।
.....बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति
शुभकामनाएँ!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

achhi aur bhavpoorn rachana.....

Apanatva said...

saadgee par saadgee se tahe dil se likhee rachana sarahniy hai........

Sapna Jain said...
This comment has been removed by the author.
Sapna Jain said...

shabdo me comment dena mushkil hai apke jazbaato k liye dev ji

एक नज़र इधर भी

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