देवेश प्रताप
भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अन्ना हजारे के आन्दोलन में कुछ लोग इसके ख़िलाफ़ बोल कर अपनी अलग ख्याति बटोर रहें है । इसी तरह एक फ़िल्मी दुनिया के महानुभाव महेश भट्ट निर्माता निर्देशक दिया कि '' जहाँ झूट बोला जाता हैं जनता वहीँ जाती है ......और झूट बोलना हम लोगों का काम है '' मतलब जनता बेवकूफ है तुम फिल्म बनाते हो और जनता बेवकूफों कि तरह फिल्म देखने चली जाती है ....वैसे तर्क जो भी रहा हो ....इस बात से तय है की अपने दर्शकों के लिए कोई इज्ज़त नहीं महेश भट्ट के अन्दर । वैसे ऐसे मदारियों के बोलने से लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है । फिर भी इनकी सोच तो देखिये उस जनता को ये बेवकूफ समझते हैं । जिनके वजह से इनकी रोजी -रोटी चलती है । और भट्ट साब आपको लग रहा है आज पूरे देश में जोलोग इस क्रान्ति में शामिल है .....वो लोग बेफकूफ है ......तो ये आपकी गलत फहमी है । ये वो जनता है जो आपके द्वारा बनायीं गई फिल्मो को जब पसंद करती है तो सर चढ़ा लेती और पसंद नहीं आती तो लात मार देती है । क्यूंकि जनता इतने भी बेवकूफ नहीं है । ये एक मुहिम है भ्रष्टाचार से मुक्ति पाने की। जो आज तक नहीं हुई है और शायद आगे कभी देखने को भी नहीं मिलेगी .......यदि भ्रष्टाचार से हर इंसान त्रस्त न होता तो यूँ सड़को पर जनांदोलन न करता ।
भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अन्ना हजारे के आन्दोलन में कुछ लोग इसके ख़िलाफ़ बोल कर अपनी अलग ख्याति बटोर रहें है । इसी तरह एक फ़िल्मी दुनिया के महानुभाव महेश भट्ट निर्माता निर्देशक दिया कि '' जहाँ झूट बोला जाता हैं जनता वहीँ जाती है ......और झूट बोलना हम लोगों का काम है '' मतलब जनता बेवकूफ है तुम फिल्म बनाते हो और जनता बेवकूफों कि तरह फिल्म देखने चली जाती है ....वैसे तर्क जो भी रहा हो ....इस बात से तय है की अपने दर्शकों के लिए कोई इज्ज़त नहीं महेश भट्ट के अन्दर । वैसे ऐसे मदारियों के बोलने से लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है । फिर भी इनकी सोच तो देखिये उस जनता को ये बेवकूफ समझते हैं । जिनके वजह से इनकी रोजी -रोटी चलती है । और भट्ट साब आपको लग रहा है आज पूरे देश में जोलोग इस क्रान्ति में शामिल है .....वो लोग बेफकूफ है ......तो ये आपकी गलत फहमी है । ये वो जनता है जो आपके द्वारा बनायीं गई फिल्मो को जब पसंद करती है तो सर चढ़ा लेती और पसंद नहीं आती तो लात मार देती है । क्यूंकि जनता इतने भी बेवकूफ नहीं है । ये एक मुहिम है भ्रष्टाचार से मुक्ति पाने की। जो आज तक नहीं हुई है और शायद आगे कभी देखने को भी नहीं मिलेगी .......यदि भ्रष्टाचार से हर इंसान त्रस्त न होता तो यूँ सड़को पर जनांदोलन न करता ।
4 comments:
ये लोग दोहरे मानदंड अपनाते हैं और हर अच्छा करने वालों की तंग खींचने में लगे रहते हैं!!
faltu logo ko jawab nahi dena chahiye sabko pata hai jab sher ki sawari chalti hai to kutte bhokte hai
sahi baat kahi aapne......dhnyavaad
nice post, aabhaar.
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें.
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