देवेश प्रताप
यदि किसी तीसरी दुनिया से चंद्रशेकर आज़ाद , महात्मा गांधी ,सरदार बलभ भाई पटेल तथा वो तमाम क्रांतिकारी जिनका नाम इतिहास के पन्नों में भी नहीं वो भारत की इस दसा को देख रहे होंगे तो ....वो क्या सोच रहे होंगे ? वो आपस में यही चर्चा करते होंगे की जिस देश को आज़ाद करने में अपने खून के एक एक कतरे को कुर्बान कर दिया . उस देश को ये तानाशाह नेताओं ने फिर से गुलाम बना दिया . फर्क इतना इस गुलामी को चोला दूसरा है . आम जनता अपने मेहनत की कमाई इकठ्ठा कर के टैक्स जमा करती है . और उस टैक्स की रकम से नेता अपने बिस्तर की चादरें बदलते हैं .
जनता के हक की आंधी क्या चली सरकार ने अपना संतुलन ही खो दिया ......वो क्या कर रही उसे खुद नहीं समझ में आ रहा ...कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपनी जुबान पे लगाम भी लगाना बंद कर दिया है ........और इनकी बेशर्मी की हद तो देखिये खुद को मिडिया के सामने दूध की तरह साफ़ बता रहें हैं ...........
6 comments:
yahi baat kisi ko samajh nahi aati ....par kranti ka bigul baj chuka hai .....badhiya post
devesh ji
bahut hi sahi kathan hai aapka .main bhiana ji ki baat se sahmat hun.yah kranti jarur ek naya rang layegi ab vo din jyda dur nahi hai .
bahut hi sundar lekh aapki v ham sabki soch sarthakho isnhi shubh kamnao ke saath
poonam
समसामयिक चिंतन और पैनी नज़र ..बहुत बढ़िया
देवेश जी,
नमस्कार,
आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगसपाट डाट काम" के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" पर लिंक किया जा रहा है|
waw! sach me vicharo ka manthan hai..
thankyou
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