देवेश प्रताप
इस भ्रष्टाचार पर पेश है एक नाटक ....... जिसका विस्तार कुछ इस तरह है .......''चारों तरफ भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन फैला ऐसे में सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस के नेताओं को है.....
राहुल देखता है कि चारो तरफ सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही है ...ऐसे में परेशान होकर दौडकर अपनी माँ के पास आता है ..
राहुल -: माँ -माँ बाहर बहुत हंगमा मचा हुआ ..लोग अपने ही खिलाफ नारा लगा रहे है ...
सोनिया -: ओहो ...इतनी बात से परेशान हो जाता है ....अरे ये तो बेवकूफ जनता है इसका तो काम ही यही ...है
राहुल-: (घबराकर) लेकिन माँ ऐसे मे मेरा राजनीतिक भविष्य न चौपट हो जाये ....मै जा के कुछ बायन दूँ क्या ..
सोनिया-: (दिलासा दिलाते हुए ) अरे नहीं पगले ....तुझे यहाँ कुछ नहीं बोलना ...जहा मै कहू वही बोलकर .......बाकी के दरबारी है... वो बोलेनेगे .......वैसे भी तू अभी इन सब मामलो में अभी छोटा है
तभी वहाँ दौड़े दौड़े कपिल आते है .....
कपिल-: अरे मेम साब अब तो गजब हो रहा ये अन्ना तो मानने को तैयार ही नहीं .......(अपने आप को संभालते हुए ) वो तो लंगोट वाले को तो उस बार धक्का मुक्की देके जबरदस्ती भगा दिये थे ......अब इसके साथ क्या किया जाय ??
सोनिया-: हुम्म ...इतने वर्षों में जब किसी और कि सरकार ने लूट खसोट किया तो कुछ नहीं ......हमारी सरकार थोडा लूट खसोट ....कर रही तो सब पीछे ही पड़ गये है .........मै भी किसी से कम नहीं इस को पकड़ कर सीधा जेल में डलवा दो ...
राहुल-: (कोसते हुए ) मै सब समझ रहा हूँ .....ये सब राजनीति में घुसने का प्रयास कर रहें है .......मेरे समझ में नहीं आ रहा में मेरा क्या होगा ......(.परेशान है ) .
तब तक वहाँ दिग्विजय भी पहुँच चुके होते है ...
दिग्विजय - अरे बेटा तुम्हे परेशान होने कि ज़रूरत नहीं है .......मै ऐसा वार करूँगा कि साँप भी मर जायेगा और लाठी भी नहीं टूटेगी ...
राहुल - मतलब
दिग्विजय - अरे यही जेल भेजवा कर मीडिया के सामने उन्हें गलत साबित कर देंगे .....देखो हम भ्रष्ट है यह तो पूरी दुनिया जान चुकी है ....तो क्यूँ न अब सारे दाँव-पेंच अजमा लिए जाए
सोनिया -( दिग्विजय को ऑर्डर देते हुए ) और हाँ ...जो और अपने दरबारी हैं उनको कह दो ..बयानबाजी करते रहे है सरकार की तरफ से
इतने में प्रणव भी वहाँ पहुचते है ..
राहुल -- आप कहाँ थे प्रणब अंकल
प्रणव - अरे बस आही रहा था कमबख्त आंदोलनकारियों ने पूरा रास्ता जाम कर रखा है ...
राहुल - अंकल आप को देख लग रहा है की इस आन्दोलन से आप पर कोई फर्क नई
प्रणव - अरे भाई ..हम बेशर्म नेताओ पर ऐसी छोटी-मोटी बातों का असर पड़ने लगेगा तो हम राजनीति कैसे करेंगे ....
प्रणब की बात पूरी करते हुए दिग्विजय कहते हैं ..
दिग्विजय - बिलकुल और ये भूख की मारी जनता कितना दिन आंदोलन करेगी ......
तभी प्रणव के मोबाइल बजता है ...
फोन पर दूसरी तरफ -- सर क्या करें भीड़ तो बढती जा रही है ...
प्रणव फोन पर -- अर्रेस्ट कर लो सब को
दूसरी तरफ - सर लेकिन ये तो जास्ती होगी
प्रणव -- जितना मै कह रहा हूँ उतना करो बाकी में देख लूँगा ..
दूसरी तरफ - जी जी सर .
फोन रखते हुए ...सब की नज़रे प्रणव पर टिकी हैं ..
सोनिया - क्या हुआ ..
प्रणव -- कुछ नहीं ...खुशी मनाओ अब वो अरेस्ट हो जायेगा .....सब शान्ति पड़ जायेगी
दिग्विजय - मैम ....वो टीवी चैंनल वालों के लिए पैकट तैयार कर दीजिए ....ताकि मिडिया उसे ज़्यादा कवरेज न कर सके
सोनिया - हाँ ...वो तो ठीक है लेकिन पिछली बार बाबा वाले आन्दोलन में तो मिडिया ने इनकार कर दिया था तो इस बार मानेगी की नहीं ..
कपिल - कोशिश करके देखते हैं ...
राहुल - कर लो जो आप लोग जो करना चाहते हो ...लेकिन मुझे ऐसा लग रहा है की हमारी भ्रष्ट रुपी जहाज ...इस निश्छल रूपी जनता के सागर में डूब जायेगी ..
सभी प्रश्नवाचक नज़र से राहुल की तरफ देखते है ...और पर्दा गिरता है .
तो दोस्तों कैसा लगा यह नाटक ....भ्रष्ट सरकार की भ्रष्ट कहानी .
9 comments:
bahut hi accha hai....itne kam shabdo me pura nishkarsh pesh kar diya hai.....kabil-e-tarif hai
good...well done
kya baat hai devesh bhaiya...bahut khubsurti se aapne saari baat keh di...mast...main ja rha hu apna multi camera production issi naatak pe karne...copyri8 issue to nahi hai na...hahaha..
@sanjeev ....dhanybaad ...ye to nera saubhaagya hoga....aur apne bhai ke liye copyright jaisa koi issu nahi .
सही मुद्दे को लेकर आपने बड़े ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है ! बहुत बढ़िया लगा!
वेल डन देवेश ......बहुत बढ़िया लिखा गया है...!!ऐसे ही लिखते रहो....और अच्छा!
कमाल का लेख लिखा है भाई।
bahut khoob aur bebak likhe..............
प्रिय देवेश प्रताप ,
बहुत खूब लाजवाब मान गए देवेश जी मैं तो आपका फैन हो गया .
शुभ कामनाएं
आनंद मोहन पाठक
Oohooo! totali mazedaar...
Post a Comment