April 4, 2010

मीडिया खड़ी है कटोरा लेके......

देवेश प्रताप

संचार इंसान के जीवन का सबसे अहम हिस्सा है । यदि संचार नहीं तो कुछ भी नहीं । यहीं से शुरू होता है मीडिया का रोल । समाज में पल रही समस्या ,अपराध ,तथा कुछ अचम्भित करने वाले तथ्य और कुछ भी नया जो लोगों तक पहुँचाना आवयश्क होता अतः यही से होता है ख़बरों का जन्म । लेकिन बदलते वक्त के साथ खबरों का मकसद भी बदल रहा है । और मकसद है केवल पैसा कोई ख़बर लोंगो तक पहुंचानी है इससे ज़्यादा ये ज़रूरी हो गया कि किसी ख़बर से कितना पैसा बन रहा है । इसका सीधा उदहारण IPL में देखने को मिल रहा है । २४ घण्टे निजी न्यूज़ चैनल IPL कि ख़बर पहुँचाने में बड़े सीरियस नज़र आते हैं, मजाल कोई छक्का -चौका या विकेट गिरा हो उसे ब्रेकिंग न्यूज़ बना कर न पेश करें । मै तो ये आशा करता हूँ कि प्रत्येक बाल को ब्रेकिंग न्यूज़ बनाना चाहिए क्यूंकि दर्शक भी आज कल ब्रेकिंग न्यूज़ के आदि हो गए हैं । जब तक कोई ख़बर ब्रेकिंग न्यूज़ न हो तो उस ख़बर में मज़ा ही कहाँ ? IPL के शुरू होने से पहले सैट मैक्स ने जब ये कहा कि न्यूज़ चैनल को केवल ७ मिनट के विडियो दिखाने के लिए देगा, तो न्यूज़ चैनल वाले का तेवर देखते ही बना था छोटे बच्चे कि तरह ज़िद करके सैट मैक्स को मनाया तथा ७ मिनट से अधिक विडियो प्रसारित करने के लिए राजी करवा लिया । और अब देखिये कैसे मसाला लगाकर IPL कि एक एक ख़बर आप तक पहुँच रही है । सिर्फ ख़बरें ही नहीं बाकायदा चर्चा भी होती है कि कैसे बल्लेबाज ने बल्ला उठाया और गेंदबाज ने कैसे हाथ नचाया और चर्चा में वो क्रिकेटर बैठते है जो अपने ज़माने में ठीक से क्रिकेट को समझ भी न पायें हों , उनका चेहरा आप लगभग हर एक निजी न्यूज़ चैनल में गौर करते होंगे क्यूंकि अब उनकी शायद यही रोजी-रोटी रह गयी है । अच्छा भी है कम से कम कहीं से तो अपने आप को क्रिकेट से जुड़ा हुआ पाते हैं वरना कौन पूछता । क्या मीडिया का यही दायित्व रह गया है । IPL के आयोजक मीडिया कि खिल्ली उड़ाते नहीं चुकते होंगे कि कैसे न्यूज़ चैनल पैसे के इस खेल को किस तरह प्रचारित और प्रसारित कर रहा है । कैसी है ये मीडिया पैसे के सामने घुटने टेक कर IPL के सामने आशाओं भरी नजरो से निहारती रहती है ।

11 comments:

Sadhana Vaid said...

मीडिया की भूमिका पर अच्छा कटाक्ष किया है आपने ! वैसे न्यूज़ चैनल्स अब निष्पक्ष और विशुद्ध न्यूज़ देते ही कहाँ है ! सारे दिन फिल्म्स, अभिनेता अभिनेत्रियों, टीवी सीरियल्स या रीयलिटीज़ शोज़ की मसाला लगी खबरें ही चटखारे लेकर प्रसारित करते रहते हैं ! मीडिया की अब यही गैर ज़िम्मेदाराना भूमिका रह गयी है !
http://sudhinama.blogspot.com
http://sadhanavaid.blogspot.com

कविता रावत said...

Media par katax ka yah tarika achha laga...
Bahut shubhkamnyane

संजय भास्‍कर said...

संचार इंसान के जीवन सबसे अहम हिस्सा है । यदि संचार नहीं तो कुछ भी नहीं
YE EK SACHAI BAYAAN KI HAI AAPNE
DEVESH BHAI

दिगम्बर नासवा said...

मीडीया की सही खिंचाई की है आपने ... आज मीडीया पूरी तरह से पैसे वालों के हाथ में है इस बात से कोई इनकार नही करेगा ..

Ravi Rajbhar said...

Jee han,
Bilkul sahi kaha aapne.

कडुवासच said...

...बहुत सुन्दर!!

Pushpendra Singh "Pushp" said...

bahut umda lekh news chenal samaj ko bhramit bhi kar rahe hai aur mirchmasala ka bahut use ho raha hai .
abhar...........

सम्वेदना के स्वर said...

सही आकलन है आपका … जो अपनी ज़िंदगी में ढंग से क्रिकेट नहीं खेल पाए पाए, वो आज विशेषज्ञ बने बैठे हैं...और मीडिया को तो बस आँच चाहिये अपनी रोटी सेंकने के लिये...

स्वप्न मञ्जूषा said...

मिडिया की हैसियत मात्र एक नौटंकी की रह गयी है...
आज रिपोर्टर बनने की योग्यता है एक कैमरा...जिसके पास कैमरा है वो रिपोर्टर बन सकता है...हैरान हूँ देख कर मिडिया की हालत...
इतना सशक्त माध्यम कुछ लोगों के हाथों की कठपुतली बन कर रह गया है...
आँखें खोल गई आपकी पोस्ट...
आभार...

Dinbandhu Vats said...

देवश जी ,
मीडिया के गिरते हुए मूल्य आज हम सबों के लिए चिंता का विषय है. खास कर मुझ जैसे पत्रकारिता के छात्रों के लिए यह दुखद भी है.मै आपकी व्यथा से सहमत हू.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

मीडिया पर सही प्रश्न उठाया है....विचारणीय बात..अच्छा लेख

एक नज़र इधर भी

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