December 27, 2009

गुब्बारा ले लीजिये ....

देवेश प्रताप
12 दिसम्बर की रात तक़रीबन 12 बज के 15 मिनट हुए रहे होंगे ....... हम तीन दोस्त मेरठ शहर में एक marriage हॉल के सामने खड़े होकर चाय पि रहे थे । तभी एक 8-9 साल का बच्चा हाथ में 7-8 गुबारे लिए हुए हम लोग के पास आया और बड़े ही मार्मिकता से उस बच्चे ने कहा कि ''गुब्बारा ले लीजिये'' । मेरे मित्र विकास ने कहा की गुब्बारा क्या करेंगे ....... और दया दिखाते हुए 5 रुपये निकाला और उस बच्चे को पकड़ाने लगे , बच्चे ने अपने आप को समझाते हुए और हम लोगो की तरफ देखते हुए कहा '' मैंने पैसा नहीं माँगा .... ऐसे पैसा लेने से भीख मांगने की आदत पड़ जाती है '' जिस मार्मिकता से उस बच्चे ने इन शब्दों को कहा उसका अहसास शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता । हम लोग ने एक गुब्बारा लिया ....... गुब्बारा दे कर बच्चा आगे बढ़ गया और धीरे धीरे उसकी तस्वीर अँधेरी रात में धुंधला से दिखाई देने लगी ........ और हम तीनो दोस्त तब तक देखते रहे और उसी का बारें में बात करते रहे जब तक वो आँखों से ओझल नहीं हो गया ........... और फिर हम तीनो उसी गुब्बारे से खेलने लगे ....... ।

No comments:

एक नज़र इधर भी

Related Posts with Thumbnails