tag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post5387946596417994215..comments2023-09-26T15:18:57.311+05:30Comments on विचारों का दर्पण: हम खिलाते है तभी वह खाते हैं......Devhttp://www.blogger.com/profile/05009376638678868909noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-28381424463626948052010-07-16T23:25:29.398+05:302010-07-16T23:25:29.398+05:30पहले सिपाही को बोलना पड़ता था .अब वह भी नहीं करना ...पहले सिपाही को बोलना पड़ता था .अब वह भी नहीं करना पड़ता है .भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे तक है .अब यह सिस्टम का हिस्सा हो गया है .Dinbandhu Vatshttps://www.blogger.com/profile/04065985102779165634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-55330916752419104712010-07-13T01:36:31.137+05:302010-07-13T01:36:31.137+05:30१०१% सच है देवेश जी..१०१% सच है देवेश जी..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-14204714505242454102010-07-12T15:07:27.345+05:302010-07-12T15:07:27.345+05:30यह हाल हर सरकारी महकमे का हैं ,सब रिश्वत माँगते है...यह हाल हर सरकारी महकमे का हैं ,सब रिश्वत माँगते हैं,हम कुछ मज़बूरी में कुछ घबराकर देते हैं ,अपना काम हो जाये इस डर से .. बहुत गलत हैं .पोस्ट अच्छी लगी .कम से कम इन सब बातों पर किसीका ध्यान तो हैं .<br />वीणा साधिकाRADHIKAhttps://www.blogger.com/profile/00417975651003884913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-71076432869799346902010-07-05T06:42:24.525+05:302010-07-05T06:42:24.525+05:30देवेश मेरे भाई,
सही कहा! "जागो रे" याद आ...देवेश मेरे भाई,<br />सही कहा! "जागो रे" याद आ गया: आप खाते हैं क्यूंकि हम खिलाते हैं!<br />यार दूध का धुला कोई नहीं है!<br />बहुत दिन से हमारे यहाँ आना नहीं हुआ.............! नाराज हो?सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-59642687448387842482010-07-05T00:06:29.269+05:302010-07-05T00:06:29.269+05:30बात तो सही कही है आपने ... पर सच का साथ देने से तक...बात तो सही कही है आपने ... पर सच का साथ देने से तकलीफ़ बहुत होती है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-65903382610516102252010-07-04T17:12:50.068+05:302010-07-04T17:12:50.068+05:30sach bat to yahi hai ki bhrashtachar me aam janta ...sach bat to yahi hai ki bhrashtachar me aam janta yani ki ham log barabar k hissedar hai....dukhad hai yah sab bharat k liye...bhrashtachar ka jahar aaj bharat ki nas nas me samahit ho chuka hai..!!sanu shuklahttps://www.blogger.com/profile/18043545346226529947noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-69519432531181241762010-07-02T20:58:55.174+05:302010-07-02T20:58:55.174+05:30पुलिस के पास बहुत हथकंडे होते हैं...उनसे कैसे बचा ...पुलिस के पास बहुत हथकंडे होते हैं...उनसे कैसे बचा जाये....पर सच तो यह है कि इमानदारी भी रंग लाती है...जैसा कि धूप पिक्चर में दिखाया गया था...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-25378457632297166252010-07-01T00:43:18.193+05:302010-07-01T00:43:18.193+05:30ई भी मुर्गी अऊर अंडा वाला खिस्सा है... पहले खिलाने...ई भी मुर्गी अऊर अंडा वाला खिस्सा है... पहले खिलाने वाला पैदा हुआ कि खाने वाला... जब तक ई सवाल का जवाब नहीं मिलेगा तब तक इसका जड़ का पता नहीं चलेगा.. अऊर जब जड़ का पता नहीं मिलेगा त उसमें मट्ठा कईसे डालिएगा देवेस बाबू?चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-65554219491282273202010-06-30T23:21:29.638+05:302010-06-30T23:21:29.638+05:30हमारे पास अपने अपराध छिपाने के कई नायाब तरीके हैं....हमारे पास अपने अपराध छिपाने के कई नायाब तरीके हैं...उसपर दूसरे अपराध का लेबेल चिपका देना और अगर यह सम्भव न हो तो ईश्वर के समक्ष माफी माँग लेना... हम तो भगवान को भी खिलाते हैं, फिर इंसान की क्या बिसात!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-33733210296827011512010-06-30T14:41:42.522+05:302010-06-30T14:41:42.522+05:30समसामयिक बात...धारदार..साधुवाद !!समसामयिक बात...धारदार..साधुवाद !!KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4312931086527876849.post-13551086391066896792010-06-30T11:51:17.436+05:302010-06-30T11:51:17.436+05:30'गलती उनमें भी है और गलती हम में भी है '&#...'गलती उनमें भी है और गलती हम में भी है ''<br />बिलकुल सही बात कही है। मगर पैसे की भूख ने सब को अन्धा कर रखा है। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com