June 23, 2013

प्रकृति से दो टूक

देवेश 

 हम बूँद बूँद को तरसे
तुम वहाँ इतना क्यूँ बरसे
हमको मारा बिन पानी
उनको मारा पानी पानी में
तुम कहते हो ये मेरा प्रतिशोध है
मैं कहता हूँ उन निर्दोषों क्या दोष है ॥

एक नज़र इधर भी

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