''दिल्ली पुलिस आपकी सेवा में सदेव तत्पर्य'' ये लाइन अक्सर आपको दिल्ली पुलिस कि गाड़ी में लिखी हुई मिलेगी ......मुझे लगता हैं इसी के ठीक नीचे इनका एक रेट लिस्ट भी लगा देना चाहिए ..कि कौन से काम के लिए कितना पैसा देकर जुर्म मुक्त हुआ जा सकता है ....जिससे लोंगो को और पुलिस वालो को भी आसानी हो और बेचारे पुलिस वालो को भी दिक्कत न आये ......जो की कोई भी मन मानी रेट दे कर चला जाता है । ये पुलिस वालों के हित कि बात है ....लेकिन सवाल ये है कि भली बातों पर ध्यान कहा दिया जाता हैं ।
वैसे ध्यान देने वाली बात ये हैं ......कि हम खिलाते है तभी वह खाते हैं ......हम ख़ुद कानून का उल्लंघन करते है और फिर जब गिरेबान पर शिकंजा कसा जाता है .....तो उससे बचने के लिए क़ानून को खरीदने का पूरा प्रयास करते हैं ..........''गलती उनमें भी है और गलती हम में भी है ''