June 30, 2010

हम खिलाते है तभी वह खाते हैं......

देवेश प्रताप

आज सुबह जब सो कर उठा तो देखा सामने वाले घर में काफी चहल -पहल मची थी उठ कर देखा तो सामने वाले घर पर तीसरी मंजिल पर लिंटर पड़ने कि तैयारी चल रही थी मै भी यूँ ही रेलिंग पर टेक लगा कर खड़ा होगया तभी कुछ ही समय बाद दिल्ली पुलिस के एक जीप आई और construction वाले घर से थोड़ी दूर पहले ठहर गयी गाडी के अन्दर पुलिस बैठी थी अन्दर से ही बाहर एक मजदूर को इशारा करके बुलाया और पुलिस वाले ने कुछ उससे कहा मजदूर अपने ठेकेदार को बुलाया ठेकेदार से पुलिस वाले ने कुछ गुफ्तगू किया ठेकेदार , घर के अन्दर गया जिसमें लेंटर पड़ रहा था और कुछ देर बाद बाहर आया और पुलिस कि गाड़ी के पास जाकर पुलिस के हाथ में बंद मुट्ठी से कुछ पकड़ाया पहले तो ये स्पष्ट नहीं हुआ कि उसने पुलिस के हाथ में क्या दिया लेकिन जब पुलिस वाले ने हाथ में 100 कि नोट देखा तो ..बड़े झटके के साथ ठेकेदार के हाथ में वापस कर दिया ....जैसे पुलिस वाला कह रहा हो ये क्या दे रहो इतने पैसे में मै नहीं मानूंगा .......ठेकेदार ने कुछ अपनी चापलूसी दिखाया और पुलिस वाले के हाथ में नोट दोबारा थमा दिया। पुलिस वाला मुह बनाता हुआ 100 कि नोट रख लिया और गाड़ी घुमा कर चल दिए
''दिल्ली पुलिस आपकी सेवा में सदेव तत्पर्य'' ये लाइन अक्सर आपको दिल्ली पुलिस कि गाड़ी में लिखी हुई मिलेगी ......मुझे लगता हैं इसी के ठीक नीचे इनका एक रेट लिस्ट भी लगा देना चाहिए ..कि कौन से काम के लिए कितना पैसा देकर जुर्म मुक्त हुआ जा सकता है ....जिससे लोंगो को और पुलिस वालो को भी आसानी हो और बेचारे पुलिस वालो को भी दिक्कत आये ......जो की कोई भी मन मानी रेट दे कर चला जाता है ये पुलिस वालों के हित कि बात है ....लेकिन सवाल ये है कि भली बातों पर ध्यान कहा दिया जाता हैं

वैसे ध्यान देने वाली बात ये हैं ......कि हम खिलाते है तभी वह खाते हैं ......हम ख़ुद कानून का उल्लंघन करते है और फिर जब गिरेबान पर शिकंजा कसा जाता है .....तो उससे बचने के लिए क़ानून को खरीदने का पूरा प्रयास करते हैं ..........''गलती उनमें भी है और गलती हम में भी है ''

June 26, 2010

लहर कि तड़प साहिल के लिए ........

देवेश प्रताप


आज साहिल उदास हैं

क्यूंकि लहर उससे मिलने नहीं आई,


लहर भी मजबूर हैं समंदर

के गिरफ्त में जो हैं,

साहिल तो बैठ कर लहर

के आने का इंतज़ार करता है,


और लहर भी हर पल समंदर

के गिरफ्त से निकल कर ,

बड़े चाहत के साथ साहिल

से मिलने आती है॥


और साहिल को पाकर उसके

आगोश में खो जाती है


इस बेइन्तेहा प्यार को देख कर ......

साहिल ने भी समंदर के बगल घर बना लिया

और लहर के एक मिलन के लिए

बैठ कर इंतज़ार करने लगा ,


लहर भी इस प्यार को पाने के लिए

अपने आपको हमेशा समंदर के गिरफ्त

से छुडा कर साहिल से मिलने चली आती है॥


वाह!!! क्या प्यार है .....लहर और साहिल का जवाब

नहीं इस प्यार का ..........

लेकिन आज लहर मिलने क्यूँ नहीं आई


“कही किसी इंसान ने समंदर को उसकी इज्ज़त की याद दिलाकर लहर को दफ़न तो नहीं करा दिया .......क्यूंकि इंसान से किसी का बेइंतहा प्यार देखा नहीं जाता”

June 21, 2010

बृहस्पति दर्शन(भारतवर्ष का एक मात्र सिध्य्पीठ मंदिर)

विकास पाण्डेय


कॉलेज के जीवन के अंतिम पड़ाव पर हम गए हैं,जहाँ हम सभी छात्रों को एक-एक डाकूमेंट्री फिल्म बनानी होती है। यह सभी के लिए अनिवार्य होता है। डाकूमेंट्री फिल्म बनाने का मुख्य उद्देश्य किसी निश्चित विषय के बारे में लोगों को इन्फोर्म करना एवं एजुकेट करना होता है। यहाँ मुझे बताते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि अभी दो दिन पहले मेरे एक सहपाठी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित बृहस्पति देव जी पर डाकूमेंट्री बनाने के लिए हमे मेरठ ले गए। जहाँ हमें पता चला की यह बृहस्पति देव जी का मंदिर भारतवर्ष में एक मात्र सिध्य्पीथ मंदिर है।यहाँ हर बृहस्पतिवार को सैकड़ो श्रद्धालू मनोकामना दीप जलाकर अपना मनोरथ पूरा करते हैं।

हम लोगों ने भी एक पंथ दो काज किये और शूटिंग के साथ साथ मनोकामना कलावा भी बंधवाये. इस विषय पर पोस्ट लिखने का सिर्फ एक कारण है,आप को इस जानकारी से अवगत कराना ,हो सकता है आपको पता हो लेकिन मुझे लगता है की अगर ६०% लोगों को भी यदि नहीं पता होगा तो मेरे मित्र की और हमारी डाकूमेंट्री फिल्म बनाने का मकसद पूरा हो जायेगा खैर आपके लिए मैंने अपने स्टिल कैमरे से बृहस्पति देव जी के कुछ मनमोहक दृश्य कैद कर लाया हूँ।मुझे विश्वास है की बृहस्पति देव जी के दर्शन से आपके जीवन में सुख,शांति, एवं समृधी आएगी।


अब मै आपसे एक आग्रह करता हूँ कि यदि आपके आस पड़ोस कोई ऐसी चीज़ हो ,को घटना घटी हो, और आपको लगता है कि इस विषय में और भी लोगों को जागरूक करना चाहिए,तो आप कृपया मुझे बताइए,क्यों कि फिल्म्स मानव अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। सभी विषयों पर बनाना सम्भव होगा लेकिन जिस टॉपिक पर मेरे सभी संसाधन ठीक ठाक होंगे उस पर मै ज़रूर डाकूमेंट्री बनाऊंगा ,बस आपकी मदत कि ज़रूरत है

एक नज़र इधर भी

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